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अनपढ़ इंजीनियर

 

एक बड़े अवधे वाले इंजीनियर के कान में उसके पी.ए. ने फुस- फुसाते हुए कुछ कहा, इंजीनियर ने सुनते ही भड़कते हुए कहा "भला ऐसे कैसे हो सकता है ये तो ना मुमकिन है !!! कोई अनपढ़ आदमी इतना सटीक कैलकुलेशन कैसे कर सकता है ??" पढ़ा लिखा डिगरी वाला इंजीनियर सोच में डूबा हुआ था, तभी प्लॉट का मालिक आता है और इंजीनियर से पूछने लगता है "इंजीनियर साहब जरा ये बताएं कि 20 कॉलम खड़े करने के लिए कितने क्विंटल सरिया, सीमेंट और गिट्टी लगेगा?"

इंजीनियर ने प्लॉट मलिक से गुस्से में कहा "आप हमे क्यों पूछ रहे हैं, अपने उस जाहिल गंवार अनपढ़ रामू काका से पूछिए, जिसने आपको सबकुछ कैलकुलेशन करके पहले से बता दिया है!" प्लॉट का मलिक भौचक्का रह गया और पूछने लगे "आपको किसने बताया कि हमारे रामू काका ने हमें सबकुछ कैलकुलेट करके बता दिया है? इंजीनियर ने कहा" मुझे सारी बाते मेरे पी.ए. ने बताया है जब आप और आपके रामू काका आपस में बातें कर रहे थे तब मेरा पी.ए. छूपकर सबकुछ सुन रहा था ।


प्लॉट के मालिक ने मुस्कुराते हुए कहा "अरे भई, भला आपके पी. ए. को हमारी बातें छुपकर सुनने की क्या जरूरत आन पड़ी ?"

तब इंजीनियर ने कहा "वो आपकी बातें छूपकर सुनने के लिए नहीं गया था, वो तो, आपको नक्शा दिखाने गया था, इसी दौरन उसने आप दोनों की बातें सुनी और मुझे आकर बता दिया!" प्लॉट मलिक ने कहा "पर इंजीनियर साहब मुझे एक बात समझ नहीं आ रही के हमारे रामू काका के हिसाब से आपको क्या परेशानी हो रही है?" इंजीनियर ने हिचकिचते हुए कहा,"भला मुझे क्यों परेशानी होने लगी" प्लॉट मलिक ने मजकिया तौर पर कहा "फिर आप इतना भड़के हुए क्यों हैं...?" इंजीनियर ने बात को टालते हुए कहा "चलिये छोड़िये वो तो बस ऐसे ही, काम के प्रेशर की वजह से, थोड़ा मूड ऑफ था, वैसे क्या पूछ रहे थे आप?" बस यही के 20 कॉलम के लिए कितना वजन सरिया, कितने पैकेट सीमेंट, कितना रेती लगेगा, कितना बजरी या गिट्टी लगेगा? प्लॉट मलिक ने कहा! इंजीनियर ने अपना कैलकुलेशन फाइल में दिखाते हुए कहा "फिलहाल 20 कॉलम के लिए इतने समान तो जरुरी हैं और, सभी इतने क्वांटिटी में चाहिए!" प्लॉट का मलिक ठहाके लगाते हुए कहा "अरे बस इतना सा, ठीक इतना ही तो हमारे रामू काका ने हमें बताया था" इंजीनियर तपाक से बोला "बस इसी असमंजस में तो मैं था सर के भला एक मजदूर इतना सटीक हिसाब कैसे दे सकते हैं जबकि वह अनपढ़ है !"


प्लॉट मालिक ने इंजीनियर से कहा "भाई ये तो बस अपने रामू काका ही बता सकते हैं,! लीजिए रामू काका भी आ गए उन्ही से पूछते है कि उन्होंने, 20 कॉलम के लिए लगने वाले चीजो का हिसाब कैसे किया? प्लॉट मालिक ने रामू काका से कहा "रामू काका आप इतना सटीक कैल्कुलेशन कैसे कर लेते हैं जरा इंजीनियर साहब को बता दीजिए !"

रामू काका ने कहा "छोटे मालिक मैंने आपके यहाँ काम करने से पहले 17 साल तक मुंबई में राजमिस्त्रियों के साथ मजदुरी की है, सारी चीजों का मुझे अनुभव है इसलिए कहां पर क्या और कितनी चीज लगनी है अच्छे से पता है, बस इतना ही।

इंजीनियर ने कहा "पर आप तो अनपढ़ हो, फिर भी इतना सटीक हिसाब?" प्लॉट मलिक ने कहा "इंजीनियर साहब ! अनुभव एक ऐसा चीज है जो बड़े बड़ो को मात दे देते हैं जैसे आप के यहां खाना बनाने वाली अनपढ़ तो है मगर फिर भी वो आपके परिवार के लिए स्वादिष्ट खाना बना लेती है ना, वो इसलिए क्योकि उसे ये एक्सपीरियंस हो चुका है कि आपको कितना नमक पसंद है कितना मशालेदार खाना पसंद है और वो इस तरह सटीक और शुद्ध खाना बना ही लेती है, ह ना.... सब अनुभव का कमल है मेरे दोस्त।

इंजीनियर ने कहा "मान गए रामू काका आप तो हमसे भी बड़े इंजीनियर निकले...!!!"

दोस्तो हुनर और अनुभव के लिए किसी तरह का सर्टिफिकेट नही लगता है क्योंकि वो तो ऊपरवाले ने आपको पहले से सर्टिफाइड करके भेजा है।


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