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Showing posts with the label CG SAD SHAYARI

C.G. Sad shayari (1)

( 1 ) सुन रे टुरी तोर दगा ह   हस- हस के दिल ल रोवाथे न , तैं बेवफा हस,दगाबाज हस  दिल  ह रो-रो के बताथे न ! ( 2 ) दुसर ल धरे पोटार के  मोर से तैं करे  दगा , कइसे तोर मन मानगे गोरी  ओला जान डारे तै अपन सगा ! ( 3 ) का जानंव कइसे भूल होगे  मया म तोर पड़गेंव  ओ दिन एक बार कहे लव यु  अउ मैं धोखा म पड़गेंव ! ( 4 ) धर-धर-धर रोवासी लागे ओ  तोर विरहा म आंसू ह बोहागे जोन दिन ल सोचे नई रहेंव  वो   दिन  ह  कइसे  आगे ! ( 5 ) सुनले पुकार मोर  रोवत हंव धार-धार मैं  आ जा ना अब आ भी जा  करत हंव गोहार मैं ! ( 6 ) कईसे  रोवाहूँ तोला  रोये के पारी तो मोर हे  जेन दिन चाहेंव तोला  ओ दिन ह अब भी  सोर हे ! ( 7 ) दुसर संग करके बिहाव  काबर छोड़े मोला  कांची-कुढ़ी कस जान के  काबर तोड़े मोला ! ( 8 ) ठग दारे मोला  एक दम बुद्धू जान के  मैं भी ठगा गेंव तोर हंसी म रानी  तोला अपन मान के  ( 9 ) किस्मत म नई अस तैं  बस जिनगी म रोना हे  तोर सहीबेवफा ल पाके  फिर से नई खोना हे ! ( 10 ) दस दिन के मयारू बना के  लबरा बना

C.G.sad shayari (2)

(21) तोर बिना मोर जिनगी अधूरा  नइ जानव कइसे होही पूरा , तोर बिना मोर घरौंदा खाली जइसे बिन चिरई के घूरा ! (22) मोर बिना तोर रूप का काम के  जइसे जनमत लइका बिन नाम के, मया बिना अंधियारी तोर जिनगी  जइसे प्लास्टिक के हीरा बिन दाम के ! (23) कचर्रा बना के रख दिये हमेशा बतियाथंव तोर बारे मा, तोर नाम बार-बार लिखत रहिथंव महानदी के किनारे मा ! (24) तोर बिना मोर गोंदा  सुन्ना हे फुलवारी रे, तन मुरझाये-मन मुरझाये  तोर बिना टुरी कारी रे ! (25) सुक्खा हे जिनगी के डबरा  बन के मेघा पानी गीरा दे, देहे नइ सकस सुख मया के  त जल्दी मया के पीरा दे !