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Ghar per dimag Nahin Dil Se Kam Lena chahie

Ek Gaon Mein Kareeban 1200 ki jansankhya thi jismein do Parivar Golu Aur Shyam Ka Bhi Tha.Golu ke Parivar ki dincharya acche tarike se Gujar jaati thi Kyunki vah rojana kam per jata tha, isliye Golu bahari Logon se aur Anjan Logon se Kafi ghul mil Sa Gaya Tha.

Magar Apne Parivar ke sadasyon ke sath uski bahut khinchatani hoti Thi Jab Bhi Koi Ghar per Baat Nikalti to vah bahas karne Par Utar aata tha aur Parivar Walon se Roj jhagada Karke Bahar chala jata tha

Uske Parivar wale yah samajh Nahin Pa rahe the ki Golu Itna chidchida Kyon Ho Jata Hai Hamesha Sidhi baat ka Ulta jawab kyon deta hai

 Vahi dusri taraf se kam Sab Logon se Ghul Mil kar rahata tha Apne Parivar se bhi aur Bhari Anjan Logon se bhi


Jab Golu ke Parivar wale Shyam Se puchne Lage ki Golu Parivar Ke Logon se Itna Chidha Chidha kyon rahta  Hai Tum To Uske Dost Ho Tumhe Pata hoga,


Tab Shyam Ne Kaha Mujhe is bare mein pata nahin hai lekin Main Ek Aise Baba ko Jaanta hun jo Golu ko theek kar sakte hain,


Agale Din Golu Aur Shyam Baba ke pass chale gaye Shyam Ne Baba Ko  Golu ki sari samasya batai, Baba Ne Golu ki sari kahaniyan Dhyan se Suni Fir Baba Ne Kaha...


Beta Golu Jin paraye aur Anjan logo se tum ghul Milkar rahte ho ye Soch kar ki yah log Kabhi Na Kabhi To Kam aaenge yah samasya Aane per Meri madad Karenge to Tumhara aisa sochana 70  fisdi tak galat hai.


Kyunki Jab Tumhen Kuchh hoga to sabse pahle Tumhare Parivar wale Khade Honge na ki paraaye log isliye ghar ke bahar beshak Tum Ek dimag Lekar jao Kyunki Duniya Ek Bajar hai lekin Ghar Ke Andar Dil Lekar jao Kyunki vahan Tumhara Apna Ek Parivar hai.

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( 61 ) मोर गाँव के गोरी तैं .... तोला अब्बड़ मया करथंव, दिन-रात रानी तोर, सपना ला मैं हँ देखत रहिथँव...! ( 62 ) अरे शहर भीतर म घुमाहूँ तोला अउ मन के बात बताहूँ तोला , अगोर लेबे अवईय्या अक्ती ल उही सीजन म अपन बनाहूँ तोला ! ( 63 ) बजार के पताल कस गाल तोरे लाल-लाल रंग-बिरंगी बदन तोर बताना तोर हाल- चाल ( 64 ) गोरी "आई ल बीयू" कहे बर  तोला काबर अतेक सरम लगथे ,  एक बार कहिके तो देख पता चलही कतेक मीठ परेम लगथे ! ( 65 ) कईसे तोला बतांव गोरी मया का चीज होथे, जेला नई होवय वो ह जिनगी भर रोथे...! ( 66 ) बस-बस होगे अउ कतक खवाबे मया के लाडू मया के दुसमन ये दुनिया ला घिच के लगादे झाड़ू ...! ( 67 ) स्वीट-स्वीट तोर गोठ गोरी दिल ल "झटका" देथे ओ, मया के बीच मजधार म मोला "अटका" देथे  ओ ! ( 68 ) खे-खे,खे-खे झन हांस गोरी दांत-कान ह निकल जाही ओ , तब, तोर चेहरा के देखईय्या ल अब्बड़ मजा आही ओ ! ( 69 ) साढ़े चार बजे आबे अमरईय्या म मोर छुट्टी चार बजे होथे ओ , तोर-मोर जोड़ी रानी "

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( 1 ) सुन रे टुरी तोर दगा ह   हस- हस के दिल ल रोवाथे न , तैं बेवफा हस,दगाबाज हस  दिल  ह रो-रो के बताथे न ! ( 2 ) दुसर ल धरे पोटार के  मोर से तैं करे  दगा , कइसे तोर मन मानगे गोरी  ओला जान डारे तै अपन सगा ! ( 3 ) का जानंव कइसे भूल होगे  मया म तोर पड़गेंव  ओ दिन एक बार कहे लव यु  अउ मैं धोखा म पड़गेंव ! ( 4 ) धर-धर-धर रोवासी लागे ओ  तोर विरहा म आंसू ह बोहागे जोन दिन ल सोचे नई रहेंव  वो   दिन  ह  कइसे  आगे ! ( 5 ) सुनले पुकार मोर  रोवत हंव धार-धार मैं  आ जा ना अब आ भी जा  करत हंव गोहार मैं ! ( 6 ) कईसे  रोवाहूँ तोला  रोये के पारी तो मोर हे  जेन दिन चाहेंव तोला  ओ दिन ह अब भी  सोर हे ! ( 7 ) दुसर संग करके बिहाव  काबर छोड़े मोला  कांची-कुढ़ी कस जान के  काबर तोड़े मोला ! ( 8 ) ठग दारे मोला  एक दम बुद्धू जान के  मैं भी ठगा गेंव तोर हंसी म रानी  तोला अपन मान के  ( 9 ) किस्मत म नई अस तैं  बस जिनगी म रोना हे  तोर सहीबेवफा ल पाके  फिर से नई खोना हे ! ( 10 ) दस दिन के मयारू बना के  लबरा बना

CG LOVE SHAYARI (1)

( 1 )   टुरी ह कारी हे अटल कुंवारी हे  मन ल कइसे तरसावय जी    मया वाले रस चुहाके   काबर एती ओती लुकावय जी !  ( 2 ) नसा चढ़े हे मोला मया के तोर    कतको उतारे नइ उतरय ओ     तोला मिले से पहिली नीमगा रेहेंव    खुद ल अब कतको सुधारेंव नइ सुधरय ओ !   ( 3 )  कईसे मया होगे तोर संग मयारू    जइसे  बंजर भुइंया हरियागे न    सोना कस मोर गोरा बदन ह    करिया लोहा कस करियागे  न !  ( 4 )   सपना आथे आधा रात के   मुसड़िया  ल मैं हँ  पोटारत रहिथँव   गाना गाके ये मोर मयारू     सपना म तोला सुनावत रहिथँव !  ( 5 )   कइसे मारे नजरिया  के बान    पथरा कस दिल ल घोर डारे ओ    मोर बम्हाचारी जीवन के डोर ल    ऐके घरी म टोर डारे ओ !  ( 6 )   सात सौ के नथनी    अउ  मुंदरी हजार के    तभो ले तोर मन नइ माढ़े    अउ लेबो कइथस  अवईया बजार के !  ( 7 )  सुर मोहिनी  टुरी तोर मन मोहिनी  रूप ओ    देखे म मन माढ़े नही ,तोला पाये बर  मन होथे,   जइसे तैं  छाये हस मोर जिनगी म    वइसे  तोर जिनगी म छाये बर मन होथे !  ( 8 )   बटकी धोवतहे  टुरी    भुइंया

मुँह में अँधेरा ...

यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है किसी भी प्रकार की वास्तविकता से सम्बंधित नही है ! आज साइंस के अध्यापक टेस्ट लेने वाले थे सभी बच्चे घबराये हुए थे साइंस के अध्यापक ने क्लास में घुसते ही बच्चो को तपाक से पूछा की, क्या आप में से कोई भी माँसाहारी है मतलब कोई मछली-मुर्गा कुछ भी खाता है ? क्लास में उपस्थित 43 बच्चो में से 6 ने हाथ ऊपर किया ! तब अध्यापक ने कहा क्या आप मछली के कांटो को भी खाते समय चबा जाते हैं ? एक बच्चे ने कहा जी सर बिलकुल ! अध्यापक:- क्या आपको जरा भी डर नही लगता के कांटे मसूड़ो में चुभ सकते हैं ! बच्चा :- बिलकुल भी डर नही लगता सर क्योंकि मैं बहुत ध्यान से चबाता हूँ ! अध्यापक :- शाबाश ! बच्चो इसी तरह अपने अन्दर समाये बुराइयों को भी चबा जाओ अगर चबाना नही आता तो सीख जाओ क्योंकि नही चबाये तो वह आगे चलकर पुरे चरित्र में घाव पैदा कर देगा ! मैंने जो कहा वो सिर्फ मांसाहारियों के लिए ही नही है बच्चो आप सब के लिए है क्योंकि बुराई माँसाहारी है या शाकाहारी है किसी को नही देखता !

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( 21) गिटार बजावँव के बजावँव बांसुरी  के गावँव मया के गाना , ये वो पिरित वाली दीवानी  मोर संग तोला मया ,हावय के नही बताना ! ( 22) किस्मत के लिक्खा मान के  तोला अपनावत हंव रानी , कभू झन देबे दगा जिनगी म  नइतो कर दुहूँ तोला चानी-चानी ! cg shayari youtube video dekhein. ( 23 ) जान बुझ के करे हांसी ठिठोली  अउ फांस डारे, मोला अपन मया म , तडपत हंव तोला एती ओती खोजत तोला थोरको नइ लागे दया न ! ( 24 ) करे हंव मया इही जान के  की अपन बनाहूँ सुवारी तोला  एक दिन तैं खुद कहिबे रानी  ले चल अपन दुआरी मोला  ( 25) तोर फोटो ल कॉपी करे हंव दिल म  अउ मया करे हंव सोच-विचार के, कतको खतरा आवय आघू म  आघू बढ़ जाहूं ओला सुधार के  ( 26 ) फेसबुक म मया बढाबो गोरी  अउ व्हाट्सप म करबो चैटिंग  ये वो जुलुफ वाली मोर दीवानी  नया रायपुर के होटल म करबो डेटिंग ! ( 27 ) चार्ज करले अपन मुड़ ल  चल चलबो मया के गाँव  देखे सुने होबे ओ रानी  हावय श्यादर मोरे नाव  ( 28) N H 53 सराईपाली के रहईया मैं  कोन्हो कोती नइ जांव  लेकिन खीच डारे मोला

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( 41) तंग करथे टुरी ह  मिस कॉल मार के , अइसे लगथे जइसे गलती करेंव दिल हार के  ( 42 ) दू मिनट म दीवानी बन जाबे  एक बार देख ले आँखी म मोर , अरे खाना-पीना छोड़ देबे  हर घडी आहूँ तोला सोर ( 43 ) शायर बना के छोड़े मोला  अउ का-का बनाबे बतादे मोला,  बइहा-भुतहा  बनगेंव मया म  अपन दुलहा बनाले मोला ! ( 44 ) छत्तीसगढ़ के हर जिला म  अब्बड़ अकन तोर चर्चा हे , जतका तोर पॉवर नइये  ओतके तोर खर्चा हे ( 45 ) ना आइडिया ना एअरटेल  टुरी जियो के दीवानी होगे रे , फिरी म पाके डेटा टुरी ह शयानी होगे रे  ( 46 ) नाचे नइ जाने टुरी अउ डीजे ल कान देके सुनत हे , महूँ नाचतेंव टूरा मन कस  नचईया ल देखके गुनत हे  ( 47 ) नीला-नीला दिखय गोरी  डोंगरी अउ पहाड़ी ओ , इन्द्रधनुष छाये हे अइसे ,जइसे  गगन म बगरे हे तोर साड़ी ओ  ( 48 ) जंगल म झिटका टोरे जावत हे  दिल ल मोर टोर के , अउ एती झिटका कस सुखागे हंव  अकेला म तोला अगोर के  ( 49 ) नहर के पानी म  चेहरा ह तोर झलकय ओ , तोर निर्मलता के होके दीवाना  मया ह मोर, तोर बर छलकय ओ 

C.G.sad shayari (2)

(21) तोर बिना मोर जिनगी अधूरा  नइ जानव कइसे होही पूरा , तोर बिना मोर घरौंदा खाली जइसे बिन चिरई के घूरा ! (22) मोर बिना तोर रूप का काम के  जइसे जनमत लइका बिन नाम के, मया बिना अंधियारी तोर जिनगी  जइसे प्लास्टिक के हीरा बिन दाम के ! (23) कचर्रा बना के रख दिये हमेशा बतियाथंव तोर बारे मा, तोर नाम बार-बार लिखत रहिथंव महानदी के किनारे मा ! (24) तोर बिना मोर गोंदा  सुन्ना हे फुलवारी रे, तन मुरझाये-मन मुरझाये  तोर बिना टुरी कारी रे ! (25) सुक्खा हे जिनगी के डबरा  बन के मेघा पानी गीरा दे, देहे नइ सकस सुख मया के  त जल्दी मया के पीरा दे !