( 01 )
मिल गया मुझे तेरा गम
और कितना तड़ पायेगी सनम....
आके लिपट जा सीने से
यूँ ना बन बे-रहेम...!
( 02)
है आरजू तुझे पाने की
मगर ये "जमाना" रोकता है,
है ख्वाहिश तेरे बाहों में समाने की
मगर, ये "जमाना" रोकता है ...!
( 03 )
दिल नादान है क्या करें
आपकी बातों को समझता नही
इन आँखों के इशारों के सिवा
और कुछ समझता नही !
( 04 )
क्यूँ तूने छोड़ा मुझको
कोई वजह तो बता दे,
ग़र किया है गुनाह मैंने
तो कोई सजा तो बता दे !
( 05 )
दरिया में पानी है
मगर अफ़सोस उसे कोई पीता नही,
जो दरिया बेवफाई से भरी हो
उसे पीकर कोई जीता नही !
( 06 )
ऐसे भी उलझन है जिंदगी में
आकर जरा सुलझा दे
करदे थोडा रहम मुझपर
सीने से लगाके , फिर से उलझा दे
( 07 )
रूबरू हुआ तेरी आशिकी से
पता तो चला तेरी मोहब्बत का अफसाना,
की तू मेरे लिए नही किसी गैर के लिए है !
( 08 )
तू कर तो सही इशारा
क़यामत न ला दुं तो कहना ,
मर के तेरी बाहों में
तुझमे ,मोहब्बत न जगा दूँ तो कहना !
( 09 )
जितने तेरे गेशु नही
उतनी तेरी बेवफाई है,
धोखेबाज तेरी अदा से
अच्छी तेरी जुदाई है !
( 10 )
चलो करें इतनी मोहब्बत
के अम्बर में हमारी तश्वीर हो ,
रह जाये बनकर इतिहास हमारा
और हम-सा ना किसी का तक़दीर हो !
( 11 )
कई काँटे हैं जिन्दगी में
इन्हें उखाड़ फेकुंगा ,
कैसे नही मिलेगी तेरी मोहब्बत
खुद को आजमाकर देखूंगा !
( 12 )
ना जाने किसने बनाया तुझे
जो सबकी नजर में छाई है
पर पता नही मुझे ,अय सनम
तू अब बेवफा सी नजर आई है !
( 12 )
जब-जब तेरी याद आती है
कानों में सरगम सी सुनाई देती है,
पर पता नही ,मेरी जान...
दिल तुझसे बिछड़ने की दुहाई देती है !
( 13 )
सुनसान सी लगती है जिंदगी
और दिल में गम की बहारें छायी है ,
दिल मानता नही तुझे अपनाने को
जबसे तू बेवफा नजर आयी है !
( 14 )
आसुओं से दरिया भरी पड़ी है
पर तुझे रोने की आवाज सुनाई नही देती
क्या इसकी दर्द भरी लहरें भी
तुझे सुनाई नही देती .....?
( 15 )
मौसम आ गया तुझसे मिलने का
मगर दिल बेचारा घबराता है ,
कहीं तू बेवफा न निकले
यही सोचकर डर जाता है !
( 16 )
वादी तेरे यादों की
आज भी याद है हमें
तेरे दिए वो सारे गम
आज भी याद है हमें !
( 17 )
क्या मिट गई मेरी यादें तेरे दिल से
जो हमें अनदेखा कर जाती है,
ग़र हुई हो हमसे खता तो
हमसे नजरें क्यूँ चुराती हो !
( 18 )
एक दिन हो जायेंगे किसी गैर के
तुम देखती रह जाओगी,
अपने किये पर पछतावा होगा उस दिन
और गुनाहों को गिनते रह जाओगी
( 19 )
कहा था हमने के बे-फिकर होकर प्यार कर
मगर बेफिकरी से तूने हमें रुलाया है
क्या हम तेरे लायक ही नही थे ,बेवफा
जो किसी गैर को तूने हंसाया है !
( 20 )
अपने गमो को लेफ्ट करके
तुझे अपना बनाया था,
खुद रोते थे कोने में
मगर , तुझको हंसाया था !
Very nice sad shayari
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