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Top 5 funny comments on YouTube

  यूट्यूब शॉर्ट्स में एक वीडियो क्लिप था जो की संदीप माहेश्वरी जी के एक सेशन का है इस क्लिप को शायद आपने देखा भी होगा,ये शॉर्ट्स एक फनी मूवमेंट का है जिसमे बहुत ही जोकिंग कॉमेंट भरे हुए हैं जिसमे से top 5 comments ko हम इसमें शो कर रहे है:- 1. User:- बुलाती है मगर जाने का नही :- dr.Rahat Indori 😆 2. User:- मैं झुकेगा नही साला :- pushparaj movie dialogue 😂 3. User :- यहां पिघल गया तो तो बीवी जमा देगी ! :- बीवी का डर 😁 4. User:- तेरा तो गेम बजाना पड़ेगा 🤔 5. User :- लड़कियों की हसने की एक अदा है जो इसे प्यार समझे वो सबसे बड़ा गधा है 😱

एक खाट की कहानी

बारहवीं क्लास में अचानक एक सूट बूट पहना आदमी आ धमका , जिसके साथ दो बंदूक धारी भी थे,ये देखकर सारे बच्चे घबरा गए उस सूट बूट पहने आदमी ने बच्चो से कहा " बच्चो क्या तुम एक कहानी सुनोगे ?" सभी बच्चो ने घबराते हुए हां कहा,  क्योंकि उनके सामने दो बंदूक धारी खड़े हुए थे जो उन बच्चो को ही देख रहे थे,फिर उस सूट बूट वाले आदमी ने कहानी सुनाना शुरू किया। एक शहर के बाहर एक ढाबा था,जहां ट्रक वाले,बस वाले और भी कई तरह के वाहन चलाने वाले और राहगीर रुक कर खाना खाया करते थे, उस ढाबे में बैठने के लिए टेबल की जगह पर खाट का इस्तेमाल किया जाता था...  इसलिए वहां के कुछ खाट पुराने हो चुके थे कुछ तो टूट भी गए थे इसलिए ढाबे के मालिक ने एक बढ़ाई को बुलाया उन खाट को रिपेयर करने के लिए अगले दिन अपने सारे औजारों को लेकर अपने बेटे के साथ बढ़ाई ,ढाबा पहुंचा, और खाट को रिपेयर करने का काम शुरू , कर दिया,  खाट को रिपेयर करने में बढ़ाई का बेटा, बढ़ाई का सहयोग कर रहा था खाट को बनाते बनाते बढ़ाई ने अपने बेटे से सवाल पूछा" बेटा ये बताओ ये खाट कैसे टूटा होगा?"  बढ़ाई के बेटे ने कहा " ये तो जाहिर सी

अनपढ़ इंजीनियर

  एक बड़े अवधे वाले इंजीनियर के कान में उसके पी.ए. ने फुस- फुसाते हुए कुछ कहा, इंजीनियर ने सुनते ही भड़कते हुए कहा "भला ऐसे कैसे हो सकता है ये तो ना मुमकिन है !!! कोई अनपढ़ आदमी इतना सटीक कैलकुलेशन कैसे कर सकता है ??" पढ़ा लिखा डिगरी वाला इंजीनियर सोच में डूबा हुआ था, तभी प्लॉट का मालिक आता है और इंजीनियर से पूछने लगता है "इंजीनियर साहब जरा ये बताएं कि 20 कॉलम खड़े करने के लिए कितने क्विंटल सरिया, सीमेंट और गिट्टी लगेगा?" इंजीनियर ने प्लॉट मलिक से गुस्से में कहा "आप हमे क्यों पूछ रहे हैं, अपने उस जाहिल गंवार अनपढ़ रामू काका से पूछिए, जिसने आपको सबकुछ कैलकुलेशन करके पहले से बता दिया है!" प्लॉट का मलिक भौचक्का रह गया और पूछने लगे "आपको किसने बताया कि हमारे रामू काका ने हमें सबकुछ कैलकुलेट करके बता दिया है? इंजीनियर ने कहा" मुझे सारी बाते मेरे पी.ए. ने बताया है जब आप और आपके रामू काका आपस में बातें कर रहे थे तब मेरा पी.ए. छूपकर सबकुछ सुन रहा था । प्लॉट के मालिक ने मुस्कुराते हुए कहा "अरे भई, भला आपके पी. ए. को हमारी बातें छुपकर सुनने की क्या जर

तेरा जिंदा शरीर,लाश है।

 माना कि तू मिट्टी सा है  पर कुछ भी उपजा सकता है , पर ध्यान रहे बढ़ते को  यह दुनिया रुक जा कहता है। मगर घबरा मत अभी  तू बंजर जमीन है तो क्या हुआ, ऊपर वाला पानी बरसाएगा  उठ और समझ खुद को जीया हुआ । तिनका जिधर की हवा  उधर का हो जाता है, पर तिनका नहीं तु इंसान है  फिर क्यों ऐसे सो जाता है । माना तुझ में गरीबी पैसे की है  पर मेहनत सब कुछ दिलाता है,  कमा कर पैसा घमंड मत करना  जैसे आ जाए पैसे तो हर कोई इठलाता है। कौन कहता है कि तुझ पर  कुछ भी नहीं लगता ना गोबर ना खाद,  घबरा मत इतनी सी बात पर  असर धीरे होगा पर होगा तब आएगा स्वाद। अगर वाकई में तु समझ ना सका खुद को  तो तेरा जिंदा शरीर एक लाश है , और क्या कहूं जो खुद को कुछ बना सकता नहीं  वो खुद गंदी नाली से आता बास है।

Ghar per dimag Nahin Dil Se Kam Lena chahie

Ek Gaon Mein Kareeban 1200 ki jansankhya thi jismein do Parivar Golu Aur Shyam Ka Bhi Tha.Golu ke Parivar ki dincharya acche tarike se Gujar jaati thi Kyunki vah rojana kam per jata tha, isliye Golu bahari Logon se aur Anjan Logon se Kafi ghul mil Sa Gaya Tha. Magar Apne Parivar ke sadasyon ke sath uski bahut khinchatani hoti Thi Jab Bhi Koi Ghar per Baat Nikalti to vah bahas karne Par Utar aata tha aur Parivar Walon se Roj jhagada Karke Bahar chala jata tha Uske Parivar wale yah samajh Nahin Pa rahe the ki Golu Itna chidchida Kyon Ho Jata Hai Hamesha Sidhi baat ka Ulta jawab kyon deta hai  Vahi dusri taraf se kam Sab Logon se Ghul Mil kar rahata tha Apne Parivar se bhi aur Bhari Anjan Logon se bhi Jab Golu ke Parivar wale Shyam Se puchne Lage ki Golu Parivar Ke Logon se Itna Chidha Chidha kyon rahta  Hai Tum To Uske Dost Ho Tumhe Pata hoga, Tab Shyam Ne Kaha Mujhe is bare mein pata nahin hai lekin Main Ek Aise Baba ko Jaanta hun jo Golu ko theek kar sakte hain, Agale Din Golu Aur Shya

"एक मुस्कान से" हिंदी कविता,"ek muskan se" heart touching poem|| by dinesh darash

"एक मुस्कान से" सब कुछ बदल सकता है एक मुस्कान से,  तेरी जिंदगी,मेरी जिंदगी  सजेगी एक मुस्कान से । तूफान भरी जिंदगी करवट बदल देती है , और सजने लगता है कारवां , आपकी एक मुस्कान से। वह रोता हुआ चेहरा  बहता हुआ दर्दीला आंसू ,  सब रुक सकता है  आपके एक मुस्कान से । सब बढ़िया है कहकर  दर्द छुपाने वाला ,  कम से कम हंसेगा एक पल   आपके मुस्कान से । वह नाखुश चेहरा वह नाखुश आंखें , खुश हो जाएंगे  आपके एक मुस्कान से । जाने वाली जिंदगी फट से लौट आएगी , आपके दिलासे भरे  एक मुस्कान से । हां सब कुछ बदल सकता है,   आपके एक मुस्कान से। दोस्तों यह हिंदी कविता आपको कैसी लगी जरूर कॉमेंट करें और ऐसे ही हार्ट टचिंग सौलफूल  कविता कहानी के लिए हमारे ब्लॉग को हमेशा पढ़ते रहें।

छत्तीसगढ़ी जोक्स फोटोज़...

धन का गरीब मगर दिमाग का अमीर...

एक लड़का था जो धन से बेहद गरीब था ,उसके परिवार में बस दो सदस्य ही थे वो लड़का और उसकी माँ ,लड़का दस साल का था मगर दिमाग से बड़ा खुरापाती था बिजनेस के क्षेत्र में उसका दिमाग घोड़े की तरह दौड़ता था इस लिए वह अपने परिवार को पालने की हिम्मत रखता था एक गजब की बात यह है कि वह मात्र पांचवी क्लास में पढता था ,                                       वह सबेरे तीन बजे से उठ जाया करता था और उठकर खाना बनाने में माँ की मदद करता था साथ ही अपने स्कुल के लिए तैयार होता था ,,,     वह स्कुल जाने के लिए निकलता माँ अपने टी स्टॉल को जाती मगर लड़का सीधे न्यूज़ एजेंसी की और भागता है ,,,वहां से वह न्यूज़ पेपर उठाता और स्कुल वाले रास्ते में पड़ने वाले सभी घरों में अख़बार पहुंचाता और रोज अपने लिए भी एक अख़बार रख लिया करता था इस तरह अख़बार बांटते-बांटते वह स्कुल भी सही समय पर पहुँच जाता था , स्कुल में अपना हर सब्जेक्ट का क्लास पूरा करता और लंच टाइम में लंच करके अपने बैग में रखे अख़बार को निकालकर पढ़ने लगता अखबार में दिए गए मैन हेडिंग को और सामान्य ज्ञान को अपने डेली डायरी वाले नोट बुक में नोट करता था सुबह के 7:30 को स्क

वो बचपन के खेल

बचपन के खेल कुछ निराले ही होते हैं अगर बच्चो को खेलते हुए देख लिया जाये तो बचपन की याद आ जाती है... आज का यह खेल छत्तीसगढ़ का है जिसे "डग्गल" कहा जाता है यह क्षेत्र के अनुसार अलग अलग नामो से भी जाना जाता है कहीं पर इसे "मारतुल" भी कहा जाता है ऐसे कई अन्य नाम हैं इस खेल का नियम बड़ा गजब का है तो आइये देखते हैं एक गोला बनाया जाता है गोले से दो कदम पीछे सीधा लकीर होता है जहाँ सभी बच्चे खड़े होकर गोले में पत्थर फेकते हैं गोले में पत्थर फेकते हुए किसी एक के पत्थर को मारा जाता है जिसके पत्थर से टक्कर होती है वह हार जाता है और वह दाम देने लगता है यहाँ पर एक शब्द आ रहा है दाम का, तो "दाम" का मतलब होता है "सजा भुगतना " फिर गोले से 7 कदम दूर एक सीधा लकीर खीचा जाता है जहाँ हारने वाले को अपना पत्थर खड़ा करके रखना होता है और जो जीते हुए बच्चे रहते हैं उनके द्वारा उस खड़े पत्थर को टक्कर मारकर गिराना होता है जब-जब पत्थर गिरता जाएगा तब - तब हारने वाला आगे बढ़ता जायेगा आखिर में किसी के भी द्वारा पत्थर न लगने पर वह हारने वाले बच्चा एक पैर से लंगड़ाते हुए गोल

सुघ्घर-गोठ (1)

1 माफ़ उही ल करे जाथे,जेन ह,  माफ़ी मांगे से पहली  बदल जाथे... 2 कुरही (मटका) से जतेक पानी पझरथे  ओतके पानी ह चांय(ठंडा)  करथे ठीक ओइसने परकार ले हमर देहे ह घलोक आय। गोठ के तात्पर्य :- जतेक मेहनत करबे ओतके पसीना फुटही । 3  उपरे - उपर ले सुन्दर दिखने वाला माटी ह भीतर डहर ले पथरीला होही त ओखर कोनो मोल नई रहय । 4 सफलता ह कभू भी  तीर-तखार म नई रहे  दुरिहाच म रइथे  अउ ओखर तक  कमइयाच ह (मेहनती) जा सकथे । 5 आज घाम म कोनो खड़ा नई होना चाहत हे लेकिन वो ह हमर एक-एक स्वांसा बर घाम म खड़े हे जेन ल हमन रुख-राही कहिथन । 6 सोन अउ मनखे जब टघलथे (पिघलथे)  तभेच ओमन दुनिया म चिकमिकाथें । 7 माफ़ी मांगत घानी (समय) हर कोई बदल जाथें  लेकिन हमेशा बर  कोई नई बदल सकंय । 8 जेन ह आँखी के आघु म होथे  तिही ल बिसवास करव ... काबर के सुने गोठ ल तो सबो गोठियाथें । 9 सिर्फ चिक्कन कांच ल देखव ओखर बुराई झन करव काबर के दरगढ़हा(खुरदुरापन) तो आपमन के चेहरा ह हावय दरपन म नइये । 10 जंगली टेटका (गिरगिट) अउ मनखे  कभू एक रंग म नई रहे सकंय ।

C.G. ज़ोक्स (1)

1 भकला - आज हमर घर चीला रोटी  खाय बर जरूर आबे भाई... जकला - का के ख़ुशी में भाई...? भकला - आज नावा तावा लाने हंव यार.। 2 जकला - बस 290 रूपया के जीन्स  अबे मोला देख  बारा सव के जीन्स पहने हंव  बारा सव के... भकला - हमन तोर असन नो हन बे  जो आधा अधूरा पहिन के  गरीब ल देके  अमीरी के रोब जमाबो... साले घमंडी नइतो छत्तीसगढ़ी लव शायरी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें ...  3 जकला - आज हमर घर में कउवां  बासत रहिस बे... भकला - अबे कुकरा ह बासथे बे- कुकरा ह,कउवां ह नइ बासय जकला - हमर छानी म बासत रहिस बे... जकला - अबे मेचका नइतो.. वो ह हमर करिया कुकरा ये बे  4 जकला - ये का जतिक के  गोटी- माटी ल राँधथव जी  तुमन, मोला अच्छा नइ लागे  भकला - खा के तो देख भाई... कसम से मोहा जाबे ! जकला - हम नइ खाएंगे  अइसा वइसा साग ! हम अपना घर को रेंगता है  तुमन खाओ इस गोटी को... भकला - वो ह पटरस फुटू ये बे ! जकला - चुरही त भेज देबे भाई भकला - वाह बेटा.... अब खाय बर आं फार के बइठे हस ! 5 जकला - जी एस टी  लगे  के  बाद  सब  के  रेट  ह  तरी-ऊपर  होगे